University of Allahabad Hostel Assembly मे “के .पी.यू.सी छात्र सभा” (KPUC Hostel Assembly) की नींव रखी जाती है, जिसका उद्देश्य छात्रावास के अंदर एक “बौद्धिक वातावरण” का निर्माण करना एवं विश्वविद्यालय, छात्रावास के स्वर्णिम गौरव अतीत को वापस लाना।
छात्रसभा की चुनाव प्रक्रिया
सर्वप्रथम छात्र सभा के गठन के लिए पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ चुनाव संपन्न करने के लिए एक चुनाव आयोग का गठन किया गया जिसने सुगमता और
पारदर्शिता के साथ चुनाव को संपन्न कराया।।
छात्र सभा का गठन
प्रारंभ छात्रावास को चार निर्वाचन क्षेत्र में बांटा गया जिसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 7-7 सीटों का निर्धारण किया गया जिसमें 28 सीटों पर “आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली” (Proportional Representation- PR) के माध्यम से चुनाव हुआ जिसमें कुल 28 सांसद निर्वाचित हुए और 4 सांसदों को अधीक्षक द्वारा मनोनीत किया गया था।
अंततः एक सशक्त छात्र सभा का निर्माण संपन्न हुआ।
AU Hostel assembly ने क्या प्रस्ताव पारित किया।
K.P.U.C Hostel assembly के प्रथम संसदीय बैठक जो 1 अगस्त 2025 को अपराह्न : 3:00 बजे से प्रारंभ हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में छात्रावास के अधीक्षक डॉ हौसिला सिंह (Dr. Hausila Singh), हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर लेफ्टिनेंट (डॉ) राजू गाजुला (Lieutenant (Dr.) Raju Gajula) एवं राजनीतिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अपर्णा चौधरी (Dr. Aparna Chaudhary) की गरिमामय उपस्थित थी।
सदन की कार्यवाही
सदन की कार्यवाही छात्र सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम रोहित की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई जिसमें प्रारंभ में शेष बचे सांसदों ने अपना शपथ पूरा किया ।
जिसके बाद अध्यक्ष की अनुमति से सदन की कार्यवाही प्रारंभ किया गया जिसमें सर्वप्रथम संसदीय कार्य मंत्री – श्याम के द्वारा त्रिभाषा सूत्र के पक्ष में प्रस्ताव प्रस्तुत किया उसके पश्चात सदन की अनुमति से प्रस्ताव के ऊपर चर्चा प्रारंभ हुआ इसके बाद छात्र सभा के सांसदों के द्वारा प्रस्ताव के पक्ष- विपक्ष तर्क प्रस्तुत किया गया ।
जिसके बाद प्रस्ताव पर लगभग 2 घंटे गहन वाद विवाद के पश्चात अंत में ध्वनि मत के माध्यम से प्रस्ताव पर मतदान किया गया और अंततः “त्रिभाषा सूत्र ” प्रस्ताव
के .पी.यू.सी छात्र सभा से पूर्ण बहुमत के साथ पारित हुआ।
Assistant Professor Dr. Aparna Chaudhary ने क्या कहा?
छात्रसभा के विशेष आग्रह पर University of Allahabad के KPUC Hostel assembly मे शामिल हुई, Assistant Professor Dr. Aparna Chaudhary ने KPUC Hostel assembly की सराहना करते हुए। बताया की एक बॉय्ज़ हॉस्टल होने के बावजूद भी। महिला Assistant Professor को प्रथम छात्र सभा मे मुख्य अतिथि के रूप मे बुलाना, बहुत ही सराहनीय है। और छात्रावास के बच्चों का अनुशासन देखने लायक है।
Dr. Aparna Chaudhary ने ‘त्रिभाषा सूत्र – एक विचार, अनेक दृष्टिकोण’ के बारे मे चर्चा करते हुए कहा।
भाषा सिर्फ व्याकरण के कुछ नियमों का,कुछ अक्षरो, कुछ वाक्यों का विन्यास भर नहीं है ; यह लोगों की भावनाए है।
हिंदी विभाग के Assistant Professor Lieutenant (Dr.) Raju Gajula ने क्या कहा?
Dr. Raju Gajula भी इस University of Allahabad Hostel assembly से काफी प्रभावित हुए और इसकी सराहना करते हुए कहा, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का सबसे खूबशूरत सदन मै देख रहा हु। उन्होंने सदन की पूरी कार्यवाही को देखते हुए बोल। त्रिभाषा सूत्र – एक विचार, अनेक दृष्टिकोण बिषय के बारे मे पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही बहुत मजबूत तरीके से अपनी बातों को रखा है। मूल रूप से मेरी मातृ भाषा तेलगु रहा है और मै इलाहाबाद यूनिवर्सिटी मे हिन्दी का प्रोफ़ेसर हू , तो मै इस चीज को और भी अच्छे से समझ सकता हु। की त्रिभाषा सूत्र क्यू जरूरी है।
Dr. Haushila Singh – Superintendent, KPUC Hostel ने क्या कहा?
अधीक्षक सर ने कहा –” छात्र सभा की प्रथम बैठक के.पी.यू.सी इतिहास के लिए ऐतिहासिक है एवं इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करवाने की इच्छा बहुत दिनों से थी”
अधीक्षक सर ने कहा कि मुझे गर्व है इस बात पर की विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में के.पी.यू.सी पहला छात्रावास है जहां ” छात्र सभा की नींव रखी गई” और लगातार बौद्धिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।।
अधीक्षक सर ने अंत में छात्र सभा की सराहना करते हुए कहा कि अगर भविष्य मे छात्र इस तरह के सकारात्मक कदम उठाते हैं तो यदि वह दो कदम चलेंगे वह सहयोग में दस कदम चलने के लिए तत्पर है और भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों के लिए उन्होंने हर संभव मदद देने का आश्वसन दिया।
निष्कर्ष
छात्र सभा मे त्रिभाषा सूत्र के पक्ष जो प्रस्ताव ” संसदीय कार्य मंत्री “श्याम के द्वारा प्रस्तुत किया गया था वह ध्वनि मत के द्वारा पूर्ण बहुमत से छात्र सभा मे प्रस्ताव पारित किया गया और छात्र सभा के सांसद एवं छात्रावास के सभी अंतवासियों त्रिभाषा सूत्र का समर्थन किया और सभी ने एक से अधिक भाषाएं सीखने के लिए तत्परता दिखाई और सब ने स्वीकार किया की त्रिभाषा सूत्र इस देश की भाषाई विविधता संस्कृतिक समावेशिता के लिए उपयुक्त लाभकारी और जरूरी है।
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